Delhi Law Firm® — लीगल इन्फॉर्मेशन चैनल
🎥 वीडियो देखें (English):
🎥 वीडियो देखें (हिन्दी):
💐 स्वागत
नमस्कार दोस्तों, आपका स्वागत है Delhi Law Firm® में — जो पूरे भारत में न्याय और पारिवारिक कानून की मार्गदर्शिका के रूप में आपका विश्वसनीय कानूनी साथी है।
इस पोस्ट में हम समझेंगे कि मेंटेनेंस (भरण-पोषण), एलिमनी (स्थायी भरण-पोषण) और अंतरिम भरण-पोषण में क्या अंतर है और यह भारतीय कानून के अंतर्गत कैसे लागू होते हैं।
📘 प्रत्येक शब्द का अर्थ
🧾 मेंटेनेंस (भरण-पोषण)
- यह सहायता पत्नी, बच्चों या माता-पिता को उनकी मूलभूत आवश्यकताओं जैसे भोजन, आवास, कपड़े, शिक्षा और इलाज के लिए दी जाती है।
 - कानून: भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023, धारा 144 (पहले CrPC 125)।
 - उद्देश्य: सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना और आर्थिक रूप से आश्रित व्यक्ति को संरक्षण देना।
 
💰 एलिमनी (स्थायी भरण-पोषण)
- तलाक के बाद एक जीवनसाथी द्वारा दूसरे को दी जाने वाली स्थायी या दीर्घकालिक आर्थिक सहायता।
 - कानून: हिंदू विवाह अधिनियम, 1955, धारा 25।
 - उद्देश्य: आर्थिक रूप से कमजोर जीवनसाथी का जीवन स्तर और सम्मान बनाए रखना।
 
🕊️ अंतरिम भरण-पोषण
- जब मुकदमा लंबित हो और अंतिम आदेश न आया हो, तब दी जाने वाली अस्थायी आर्थिक राहत।
 - कानून: HMA धारा 24 और घरेलू हिंसा अधिनियम, 2005 धारा 20।
 - उद्देश्य: मुकदमे के दौरान आश्रित व्यक्ति को बुनियादी जरूरतों के लिए सहयोग मिल सके।
 
🧭 त्वरित तुलना
- मेंटेनेंस: विवाह या अलगाव के दौरान • BNSS धारा 144
 - एलिमनी: तलाक के बाद स्थायी सहायता • HMA धारा 25
 - अंतरिम भरण-पोषण: मुकदमे के दौरान अस्थायी राहत • HMA धारा 24 / DV Act धारा 20
 
🏛️ सुप्रीम कोर्ट का मार्गदर्शन
रजनेश बनाम नेहा (2021):
- पूरे भारत में भरण-पोषण की एकरूप प्रक्रिया तय की गई।
 - दोनों पक्षों के लिए आय का पूर्ण प्रकटीकरण अनिवार्य किया गया।
 - न्यायालय ने स्पष्ट किया कि भरण-पोषण का उद्देश्य संरक्षण है, दंड नहीं।
 
✅ व्यवहारिक सुझाव
- अपनी आय-व्यय का पूरा विवरण तैयार करें और दस्तावेज़ (ITR, बैंक स्टेटमेंट, सैलरी स्लिप) जमा करें।
 - यदि आप आश्रित हैं, तो अंतरिम भरण-पोषण के लिए शीघ्र आवेदन करें।
 - यदि आप भुगतान करने वाले हैं, तो उचित राशि तय करवाएँ और परिस्थितियाँ बदलने पर संशोधन के लिए आवेदन करें।
 - सभी आदेश, नोटिस और दस्तावेज़ क्रमवार सुरक्षित रखें।
 
💬 सहायता चाहिए?
Delhi Law Firm® ने BNSS धारा 144, HMA धारा 24 व 25, और DV Act धारा 20 के अंतर्गत अनेक मामलों को सफलतापूर्वक संभाला है।
कानूनी सलाह और परामर्श हेतु:
🌐 वेबसाइट: www.delhilawfirm.in
📞 हेल्पलाइन: 9990649999, 9999889091
🎙️ Delhi Law Firm® के बारे में
भारत का सबसे विश्वसनीय लीगल इन्फॉर्मेशन चैनल, जो परिवार कानून से जुड़े मुद्दों को सरल भाषा में समझाता है।
लाइक करें 👍, शेयर करें 🔁 और फॉलो करें 🔔 — ताकि आप हमेशा कानूनी रूप से जागरूक रहें।

		